Thursday, June 24, 2010

मेरी खुशी ले गये तुम

मेरी हंसी ले गये तुम, मेरी खुशी ले गये तुम
मेरा सब कुछ लेकर ये बेवसी दे गये तुम
उफ तु बेवसी चेहरे पर चढ़ाई
नस नस में उतर राही
क्या खता हुयी हमसे
जो मेरे होठों की हांसी ले गये तुम


मेरे इन होठों मुस्कराने दो,
थोडा तौ करीब आने दो;
प्यारे से इन होठों को छू जाने दो,
मेरी इन आँखों को सपने दिखाने वाला
मुझे सामान्य मनुष्य बनाने वाला
आज खुद पत्थर बन गये तुम

क्या संबंध खून का जना होता हैं
क्या यह ज़रूरतौ से बाना होता हैं;
यह तौ भावनाओं से साना होता हैं ..
प्रेम का जना होता हैं
यह TABHI DIKHTA हैं जब कुहरा घाना होता हैं ..
मुझे रास्ता दिखाने घाटी आज खुद भटक गये तुम

मेरी हंसी ले गये तुम, मेरी खुशी ले गये तुम

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