Monday, November 1, 2010

देख लिए

तुम्हारे इन अधखुली आंखो से
जाने कितने khvab देख लिए
तुम्हारे इन होठों की रंगत में मैंने
इंद्रधनुष के सारे रंग देख लिए

तुम्हारे चेहरे से लटकती julfo में
अमावस की राते भी देखी और;
तुम्हारे चेहरे की चमक से मैंने
दीपावली के सारे चिराग देख लिए

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